Dokhebaaz yaar

16 Nov 2024 8

First time love story

16 Nov 2024 11

यह एक नई कहानी है जिसका नाम है "रंगीन पतंग"। रंगीन पतंग गर्मी की छुट्टियाँ शुरू हो चुकी थीं। छोटू अपने दादा जी के गाँव आया था। गाँव में आकर उसे बहुत मजा आता था। खेत, बगीचे और नीले आसमान में उड़ती रंग-बिरंगी पतंगें उसे बहुत पसंद थीं। एक दिन, छोटू ने देखा कि गाँव के बच्चे पतंग उड़ा रहे थे। छोटू भी पतंग उड़ाना चाहता था, लेकिन उसके पास पतंग नहीं थी। वह उदास होकर घर लौटा और अपने दादा जी से बोला, "दादा जी, मुझे भी पतंग चाहिए।" दादा जी मुस्कराए और बोले, "अरे छोटू, तुम खुद अपनी पतंग क्यों नहीं बनाते?" छोटू थोड़ा चौंक गया, "मैं कैसे बनाऊँ, दादा जी? मुझे तो पतंग बनानी नहीं आती।" दादा जी ने प्यार से कहा, "कोई बात नहीं, मैं तुम्हें सिखा दूँगा।" छोटू और दादा जी ने एक साथ पतंग बनाने की तैयारी शुरू की। उन्होंने कागज, बांस की लकड़ी और धागा इकट्ठा किया। दादा जी ने समझाया कि पतंग में संतुलन होना बहुत ज़रूरी है, नहीं तो पतंग उड़ नहीं पाएगी। छोटू ध्यान से सुनता और सीखता रहा। कुछ ही घंटों में, उनकी सुंदर रंग-बिरंगी पतंग तैयार हो गई। छोटू बहुत खुश हुआ। वह भागकर अपने दोस्तों के पास गया और बोला, "देखो, मैंने खुद अपनी पतंग बनाई है।" सभी बच्चे उसकी पतंग देखकर हैरान हो गए। उन्होंने छोटू की पतंग की तारीफ की। छोटू ने गर्व से अपनी पतंग को उड़ाना शुरू किया। पतंग हवा में ऊपर-ऊपर जाने लगी और जल्द ही सबसे ऊँची उड़ने लगी। अचानक, छोटू की पतंग एक पेड़ में फँस गई। वह परेशान हो गया, लेकिन उसके दादा जी वहां पहुंचे और बोले, "छोटू, जीवन में कई बार ऐसा होता है। हम कोशिश करते हैं, लेकिन कभी-कभी अड़चनें आ जाती हैं। हार मानना सही नहीं है। हमें धैर्य रखना चाहिए।" छोटू ने हिम्मत नहीं हारी। उसने धागे को धीरे-धीरे खींचा और पतंग को सावधानी से पेड़ से निकाल लिया। पतंग फिर से उड़ने लगी, इस बार और भी ऊँची। छोटू ने महसूस किया कि अगर वह धैर्य रखे और प्रयास करता रहे, तो कोई भी मुश्किल उसे रोक नहीं सकती। शिक्षा: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि मेहनत, धैर्य और सकारात्मक सोच से हम किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं।

16 Nov 2024 8