धनतेरस क्यों मनाया जाता है

धनतेरस का त्योहार दीपावली से पहले मनाया जाता है और इसे धन की देवी लक्ष्मी के स्वागत के लिए मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों में सोने, चांदी और अन्य धातुओं की खरीदारी करते हैं, क्योंकि मान्यता है कि इस दिन जो भी संपत्ति खरीदी जाती है, वह सुख-समृद्धि और भाग्य लेकर आती है। धनतेरस को भगवान धन्वंतरि की पूजा भी की जाती है, जो आयुर्वेद के देवता और धन के प्रतीक हैं। इस दिन की मान्यता यह भी है कि इससे स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
धनतेरस का त्योहार कार्तिक मास की त्रयोदशी को मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से लोग नए बर्तन और आभूषण खरीदते हैं। कुछ स्थानों पर घरों में विशेष रूप से "धनतेरस दीया" जलाया जाता है, जिससे घर में लक्ष्मी का वास हो और घर में सुख-समृद्धि बनी रहे।
धनतेरस के दिन, लोग अपने घरों की सफाई करते हैं और इसे सजाते हैं ताकि देवी लक्ष्मी का स्वागत किया जा सके। इस अवसर पर खास व्यंजन भी बनाए जाते हैं, और परिवार के सदस्य एकत्र होकर इस त्योहार को मिलकर मनाते हैं। 
धनतेरस का त्योहार केवल आर्थिक समृद्धि का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह स्वास्थ्य, परिवार और समाज में एकता का भी प्रतीक है।

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