किस बात पर क्रोधित हुई थी द्रौपदी? जो कुत्तों को हमेशा खुले में संबंध बनाने का दिया था श्राप..
829 Oct 2024
आप कभी ना कभी कुत्तों के खुले में संबंध बनाने को लेकर शर्मिंदा जरूर हुए होंगे, इस कारण अक्सर अपने लोगों को कुत्ते के साथ बुरा व्यवहार करते हुए देखा होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं ऐसा क्यों होता है कि कुत्ते खुले में संबध बनाते हैं। दरअसल अपने महाभारत में द्रौपदी की कहानी तो सुनी होगी, नही सुनी तो हम आपको बता दें कि महाभारत की कई कहानियों में एक द्रौपदी की है जिसमें द्रौपदी द्वारा कुत्तों को ऐसा श्राप दिया गया है।
आपको बता दें कि किंवंदती के अनुसार अर्जुन द्वारा द्रौपदी को स्वयंवर में जीतने के बाद, वे अपनी माँ कुंती से आशीर्वाद लेने के लिए वापस लौटे। खाना पकाते-पकाते उन्हें देखे बिना, कुंती ने अनजाने में पांडवों को निर्देश दिया कि "वे जो कुछ भी लाए हैं उसे आपस में बाँट लों।" माता के कथन सम्मान करते हुए, द्रौपदी पाँचों पांडवों की पत्नी बन गई पांचाली कहलाई।द्रौपदी और युधिष्ठिर हुए बहुत लज्जित
अगली बार कुत्तों के साथ दुर्व्यवहार करने से पहले जरूर सोचना द्रौपदी और युधिष्ठिर हुए बहुत लज्जित
इसके बाद समस्या थी की मर्यादा का पालन कैसे किया जाए, ऐसे में एक रास्ता निकाला गया कि, जो भाई द्रौपदी के साथ रहेगा, वह अपनी चरण पादुका (चप्पल) कक्ष के बाहर छोड़ देगा, जिससे अगर कोई दूसरा भाई द्रौपदी से मिलने आए तो जूते देखकर वहीं रुक जाए और मर्यादा का पूरी तरह से पालन हो सके। लेकिन एक दिन एक दिन, युधिष्ठिर द्रौपदी के साथ कश्र में थे, अपने भाई की उपस्थिति अंजान अर्जुन गलती से उनके कक्ष में प्रवेश कर गए। द्रौपदी को भाई युधिष्ठिर के साथ देखकर अर्जुन काफी अपने-अपने को काफी शर्मिंदा महसूस करने लगे, अर्जुन ने तुरंत माफ़ी मांगी और वहां से चले गए। वहीं, द्रौपदी और युधिष्ठिर भी अपने आपको बहुत लज्जित महसूस करने लगे। द्रौपदी ने सवाल किया कि वह दरवाजे के बाहर युधिष्ठिर के जूते कैसे नहीं देख पाए तो अर्जुन ने जवाब दिया कि उनके जूते वहां नहीं थे। द्रौपदी द्वारा उठाए इस सवाल को लेकर द्रौपदी समेत सभी पांडव युधिष्ठिर के जूते ढूंढने लगे जो महल के आंगन में खेल रहे कुत्तों के पास मिले। इससे गुस्सा होकर द्रौपदी ने कुत्तों को श्राप दिया और कहा कि जिस तरह से आज उन्हें अपमानित होना पड़ा, उसी तरह कलयुग में कुत्तों को भी इसी तरह अपमान का सामना करना पड़ेगा।
इस कहानी के कारण ऐसा माना जाता है कि द्रौपदी द्वारा दिए इसी श्राप के कारण आज भी आवारा कुत्तों के साथ अक्सर बुरा व्यवहार किया जाता है। द्रौपदी के श्राप को लेकर हमने जो भी तथ्य दिए वो अलग-अलग खबरों पर आधारित है। लेकिन हम आपको बता दें कि अक्सर को कुत्तों को संबंध बनाते देख लोग उनको पत्थर मारने लगते हैं उन्हें छुड़ाने का का प्रयास करते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं ऐसा करने से उन्हें कितनी तकलीफों का सामना करना पड़ता है, इतना ही नही कहा जाता है कि उनको इस तरह जबरदस्ती छुड़ाने से कुत्तों के कई ऑर्गन डैमेज हो जाते हैं, तो अगली बार कुत्तों पर ऐसा दुर्व्यहार करने से पहले आप से इस बात जरूर ध्यान देना।
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