हेलो नीचे पढ़ो
413 Nov 2024
हमारे समाज में यह धारणा बहुत प्रचलित है कि एक लड़का और लड़की कभी सच्चे दोस्त नहीं हो सकते। इस विचारधारा को कई बार फिल्मों और टीवी शोज़ में भी दर्शाया गया है, जैसे कि “मैंने प्यार किया” में मोहनिश बहल का प्रसिद्ध संवादः "एक लड़का और लड़की कभी दोस्त नहीं हो सकते"
समाज और संस्कृति का प्रभाव
हमारे समाज में लड़के और लड़कियों के बीच दोस्ती को अक्सर संदेह की नजर से देखा जाता है। परिवार और रिश्तेदारों का मानना होता है कि ऐसी दोस्ती में हमेशा रोमांटिक भावनाएं शामिल होती हैं 1. यह सोच हमारे पारंपरिक मूल्यों और सांस्कृतिक धारणाओं से उत्पन्न होती है, जहां लड़के और लड़कियों के बीच सीमाएं खींची जाती हैं
वास्तविकता और अनुभव
हालांकि, वास्तविकता इससे काफी अलग है। आज के समय में, लड़के और लड़कियां एक-दूसरे के साथ दोस्ती कर सकते हैं और यह दोस्ती पूरी तरह से प्लैटोनिक हो सकती है 3. कई लोग मानते हैं कि दोस्ती में विश्वास, समझ और समान रुचियों का होना महत्वपूर्ण है, न कि लिंग
निष्कर्ष
समाज की सोच को बदलने की जरूरत है। लडके और लडकियों के बीच दोस्ती को सामान्य रूप में स्वीकार करना चाहिए और इसे संदेह की नजर से नहीं देखना चाहिए। यह समय है कि हम पुरानी धारणाओं को छोड़कर नई सोच को अपनाएं और एक स्वस्थ समाज का निर्माण करें
0 likes
Top related questions
No related question available! Ask Your Question.
Related queries
Latest questions
14 Nov 2024 4
14 Nov 2024 6
14 Nov 2024 36
14 Nov 2024 7
13 Nov 2024 1
13 Nov 2024 6
13 Nov 2024 211
13 Nov 2024 119
13 Nov 2024 19
13 Nov 2024 10