लक्की को मिली जादू की छड़ी

लक्की को मिली जादू की छड़ी

1. शुरुआत:
लक्की, एक गरीब लड़का, जो रोज काम की तलाश में निकलता था, लेकिन हर दिन खाली हाथ लौटता। उसके पास न पैसा था, न संसाधन। पर उसका दिल बड़ा और इरादे मजबूत थे।


2. अचानक घटी घटना:
एक दिन, लक्की एक सुनसान रास्ते से गुजर रहा था। वहां उसे एक पुराना, चमचमाता डंडा दिखाई दिया। उत्सुकता में उसने डंडे को उठाया। यह साधारण डंडा नहीं, बल्कि एक जादू की छड़ी थी।


3. पहला आश्चर्य:
जैसे ही उसने छड़ी को पकड़ा, वह चमक उठी और एक आवाज सुनाई दी, "लक्की, मैं तुम्हारी मदद के लिए हूं।" लक्की को यकीन नहीं हुआ, लेकिन छड़ी ने उसे भरोसा दिलाया।


4. छड़ी की शर्त:
छड़ी ने बताया कि वह केवल 3 इच्छाएं पूरी कर सकती है, लेकिन इच्छाएं नेक और दूसरों की भलाई के लिए होनी चाहिए। लक्की ने सहमति जताई।


5. पहली इच्छा:
लक्की ने सबसे पहले अपने परिवार के लिए भोजन और छत मांगी। छड़ी ने उसकी इच्छा पूरी की। अगले ही दिन, किसी अजनबी ने उन्हें रहने के लिए एक घर और खाने का सामान दिया।


6. दूसरी इच्छा:
इसके बाद लक्की ने अपने गांव के बच्चों की शिक्षा के लिए इच्छा जताई। छड़ी ने उसकी यह ख्वाहिश भी पूरी की। गांव में एक स्कूल बन गया, और हर बच्चा पढ़ने लगा।


7. तीसरी इच्छा:
अब लक्की ने सोचा कि वह अपनी तीसरी इच्छा से सभी बेरोजगारों की मदद कर सकता है। उसने छड़ी से रोजगार के अवसरों की मांग की। देखते ही देखते गांव में कई उद्योग और काम शुरू हो गए।


8. छड़ी का विदा होना:
तीसरी इच्छा पूरी होते ही छड़ी ने कहा, "अब मेरी जरूरत खत्म हो गई। तुम्हारे नेक इरादे और मेहनत ही अब तुम्हें आगे बढ़ाएंगे।"


9. लक्की का बदलाव:
जादू की छड़ी के जाने के बाद भी, लक्की ने मेहनत और ईमानदारी से अपने गांव और लोगों की मदद जारी रखी। वह सबके लिए प्रेरणा बन गया।


10. संदेश:
लक्की की कहानी हमें यह सिखाती है कि जादू केवल हमारी मदद कर सकता है, लेकिन असली बदलाव मेहनत और सच्चाई से ही आता है। अपने जीवन में "जादू की छड़ी" के रूप में अपने अच्छे इरादों और कर्म को पहचानें।



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