**दोस्ती की कहानी: "सच्चे दोस्त"**
1516 Nov 2024
**दोस्ती की कहानी: "सच्चे दोस्त"**
एक छोटे से गाँव में दो बचपन के दोस्त रहते थे, अजय और विजय। दोनों एक-दूसरे के साथ हर समय खेलते, पढ़ाई करते और मस्ती करते थे। उनकी दोस्ती इतनी गहरी थी कि लोग कहते थे, "जहां एक है, वहां दूसरा भी है।"
एक दिन गाँव में एक बड़ा मेला लगा। अजय और विजय दोनों excited थे कि वे इस मेले में बहुत मज़ा करेंगे। लेकिन मेला शुरू होने से ठीक पहले, अजय के घर में एक बुरी घटना घटी। उसकी माँ बहुत बीमार पड़ गईं और उसे अस्पताल ले जाना पड़ा। अजय को बहुत चिंता हो रही थी, लेकिन उसने विजय को बताया नहीं, क्योंकि वह नहीं चाहता था कि विजय को चिंता हो।
मेले का दिन आया, और विजय अकेले मेला गया। वह मेला देख रहा था, पर उसका मन अजय के बारे में ही सोच रहा था। कुछ घंटों बाद, विजय ने तय किया कि वह अजय के पास जाएगा और उससे मिलकर उसे अच्छा महसूस कराएगा। वह सीधे अजय के घर गया और देखा कि अजय अपनी माँ के पास बैठा था, चिंतित और परेशान।
विजय बिना कुछ कहे अजय के पास बैठ गया और उसकी माँ की मदद करने लगा। दोनों ने मिलकर अजय की माँ का ध्यान रखा। जब अजय ने देखा कि विजय उसकी मदद कर रहा है, तो उसकी आँखों में आंसू आ गए। उसने कहा, "तुम सच में मेरे सबसे अच्छे दोस्त हो, विजय।"
विजय मुस्कुराया और बोला, "सच्चे दोस्त वही होते हैं जो मुश्किल वक्त में एक-दूसरे का साथ देते हैं। और आज मैंने यही किया।"
अजय ने महसूस किया कि दोस्ती सिर्फ मस्ती करने का नाम नहीं है, बल्कि सच्चे दोस्त वही होते हैं जो मुश्किल समय में एक-दूसरे के साथ खड़े रहते हैं।
यह कहानी हमें सिखाती है कि सच्ची दोस्ती में सिर्फ खुशियाँ ही नहीं, बल्कि दुःख में भी एक-दूसरे का साथ देना ज़रूरी है।
1 likes
Top related questions
No related question available! Ask Your Question.
Related queries
Latest questions
06 Sep 2025 18
08 Aug 2025 10
07 Aug 2025 13
06 Aug 2025 22
02 Aug 2025 21
31 Jul 2025 16
