Garib se Amir banne ki kahani



Ek garib parivar mein paida hue, Rohan ne apni zindagi ki shuruaat bahut hi mushkil se ki. Unke pita ek chhote se dukaan mein kaam karte the, aur unki maa ek ghareli kaam karti thi.


Rohan ne apne school ki padhai ke saath-saath ek chhote se kaam mein bhi kaam kiya. Vah newspaper distribute karta tha aur uske liye 50 rupaye prati din milte the.


Ek din, Rohan ne socha ki vah apni zindagi ko badal sakta hai. Usne apne pita se kaha, "Papa, main apni zindagi ko badalna chahta hun. Main kuchh bada karna chahta hun."


Unke pita ne kaha, "Beta, tumhari mehnat aur izzat se tum kuchh bhi kar sakte ho."


Rohan ne apni padhai ko jari rakha aur ek din unhone ek bada business plan banaya. Unhone apne doston ke saath milkar ek chhota sa business shuru kiya.


Unka business bahut hi tez i gat se badhne laga aur Rohan ne apne parivar ko sukh-samridhi pradan ki.


*Siksha:*


1. Mehnat aur izzat se kisi bhi lakshya ko poora kiya ja sakta hai.

2. Apne sapno ko poora karne ke liye majboot rahen.

3. Kabhi bhi haar na manein.


*Prerna:*


1. Rohan ki kahani humein dikhati hai ki garibi aur musibat se nikalne ke liye mehnat aur izzat zaroori hai.

2. Apne lakshya ko poora karne ke liye humein kabhi bhi haar na manani chahiye.


*Garib se Amir banne ke tips:*


1. Mehnat karo aur apne lakshya ko poora karo.

2. Apne business ko shuru karo aur use badhao.

3. Apne parivar ko sukh-samridhi pradan karo.

4. Kabhi bhi haar na mano aur apne sapno ko poora karo.


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