शीत कालीन जी

आ रहे हैं शीतकाल जी आप छोटे बचे रहिए जी वंचित मौसम हैं


अविवेकी-अविश्वसनीय पवनें हैं


आप जब घर से, बाहर निकलो जी।


कान, नाक, डक कर, स्टैन्डल लगाया कर, तभी आप बाहर निकलो जी।


घर में रहो फिर भी आप, सर, कान डाक कर दिखाओ जी।


ठंड का ये मौसम हैं, आप थोड़ा छोड़िए जी।


अगर आप बीमार हो बचपन, नाक बहना, सिर में दर्द होने लगेंगे।


अपने छोटे-छोटे भाई और छोटी-छोटी बहिनो को आप थोड़ा ध्यान दें जी।

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