प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में कट्टरपंथियों की आलोचना की।
625 Nov 2024
25 नवंबर, 2024, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में व्यवधान डालने के लिए विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए कहा कि जिन्हें जनता ने बार-बार नकार दिया है, वे अपने राजनीतिक लाभ के लिए संस्था को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं। मोदी ने संसद में स्वस्थ बहस के महत्व पर जोर दिया, शीतकालीन सत्र के महत्व को उजागर किया, जो भारत के संविधान की 75वीं वर्षगांठ का प्रतीक है।
संसद में व्यवधान
मोदी ने संसद में लगातार व्यवधानों पर अपनी निराशा व्यक्त की, उनका मानना है कि इसके लिए मुट्ठी भर ऐसे लोग जिम्मेदार हैं जिन्हें जनता ने नकार दिया है। उन्होंने कहा, "जिन्हें जनता ने 80-90 बार नकार दिया है, वे संसद में चर्चा नहीं होने देते, लोगों की आकांक्षाओं को नहीं समझते।" प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि संसद में स्वस्थ बहस जरूरी है, लेकिन दुर्भाग्य से, कुछ लोग अपने राजनीतिक लाभ के लिए संस्था को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं, व्यवधान और अराजकता का सहारा ले रहे हैं।
हाल ही में हुए चुनाव में हार
मोदी की यह टिप्पणी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन द्वारा भारी जीत दर्ज करने के कुछ दिनों बाद आई है। प्रधानमंत्री ने राज्य चुनाव परिणामों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इनसे लोकसभा चुनावों में मिले जनादेश की ताकत और बढ़ गई है। उन्होंने हाल ही में हुए चुनावों में विपक्षी दलों की हार की भी आलोचना की और कहा कि अपनी हार के बावजूद वे राजनीतिक लाभ के लिए संसद को बाधित करना जारी रखते हैं।
संसद के सुचारू संचालन का महत्व
मोदी लगातार विपक्षी सहयोगियों से संसद को सुचारू रूप से चलने देने का आग्रह कर रहे हैं, इस बात पर जोर देते हुए कि उनमें से कुछ इस मुद्दे पर उनसे सहमत हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि जिन्हें जनता ने लगातार खारिज किया है, वे अपने सहयोगियों की बातों को नजरअंदाज करते हैं और उनकी भावनाओं और लोकतंत्र का अनादर करते हैं। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि जनता राजनेताओं के व्यवहार को करीब से देखती है और समय आने पर न्याय करती है।
संसद का शीतकालीन सत्र
संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार, 25 नवंबर, 2024 को शुरू हुआ और 20 दिसंबर तक जारी रहेगा। मोदी की टिप्पणियों ने सत्र के लिए माहौल तैयार कर दिया है, जिसमें विभिन्न मुद्दों पर गहन बहस और चर्चा होने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री द्वारा विपक्षी दलों की आलोचना करने पर विपक्षी दलों की ओर से तीखी प्रतिक्रिया मिलने की संभावना है, जिससे संभावित रूप से विवादास्पद सत्र की संभावना है।
निष्कर्ष
संक्षेप में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद को बाधित करने के लिए विपक्षी दलों की आलोचना की है, जिसमें कहा गया है कि जिन लोगों को जनता ने बार-बार खारिज किया है, वे अपने राजनीतिक लाभ के लिए संस्था को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं। मोदी ने संसद में स्वस्थ बहस के महत्व पर जोर दिया और शीतकालीन सत्र के महत्व को उजागर किया, जो भारत के संविधान की 75वीं वर्षगांठ का प्रतीक है। प्रधानमंत्री की टिप्पणियों ने संसद के संभावित रूप से विवादास्पद शीतकालीन सत्र के लिए माहौल तैयार कर दिया है।
0 likes
Top related questions
Related queries
Latest questions
18 Jun 2025 0
17 Jun 2025 0
14 Jun 2025 0
11 Jun 2025 1
09 Jun 2025 5