एक खौफनाक रहस्य

एक खौफनाक रहस्य

गाँव का नाम "सूरजपुर" था, जहाँ चारों ओर हरियाली और शांत वातावरण फैला हुआ था। लेकिन इस शांतिपूर्ण गाँव में एक अजीब सी दहशत छाई हुई थी। रात के सन्नाटे में, गाँव के लोग अक्सर फुसफुसाते, "रात को कोई बाहर मत निकलना।"

रामू, एक साधारण किसान था, जो अपनी पत्नी रीना के साथ एक छोटी सी झोपड़ी में रहता था। रीना गाँव की सबसे खूबसूरत लड़की थी, लेकिन उसकी आँखों में पिछले कुछ दिनों से एक अनजाना डर झलका रहा था। रामू ने कई बार उसे पूछा, लेकिन वह हमेशा मुस्कुराकर टाल देती।

एक रात, जब सूरजपुर के आसमान में चाँद की रोशनी छाई हुई थी, रामू और रीना अपने बाग में सैर कर रहे थे। अचानक उन्हें दूर एक हलकी सी आवाज सुनाई दी। रामू ने ध्यान दिया कि यह आवाज गाँव के तालाब के पास से आ रही थी। उसकी जिज्ञासा को दबाना मुश्किल था।

"चलो, पता करते हैं क्या हो रहा है," रामू ने कहा।

"नहीं, रामू। हमें नहीं जाना चाहिए। वहाँ अक्सर अजीब बातें होती हैं," रीना ने कहा, उसके चेहरे पर चिंता साफ झलक रही थी।

पर रामू नहीं माना। वह रीना का हाथ पकड़कर तालाब की ओर बढ़ा। तालाब के पास पहुँचते ही, उन्होंने देखा कि वहाँ एक काला साया खड़ा था। रामू ने उसकी ओर बढ़ते हुए कहा, "कौनो है, बताओ!"

जैसे ही वह करीब पहुँचा, उस साए ने मुड़कर देखा। वह एक पुराना बाबा था, जिसके चेहरे पर डरावने निशान थे। "तुम यहाँ क्यों आए हो, भागो जल्दी!" उसने चिल्लाया। रामू ने अचानक महसूस किया कि बाबा का हाथ तालाब की ओर इशारा कर रहा था।

"क्या हुआ है यहाँ?" रामू ने पूछा, लेकिन बाबा बस चिल्लाते रहे। "जाओ, नहीं तो तुम्हारी पत्नी को वह ले जाएगी।"

रामू घबरा गया। उसने रीना की ओर देखा, जो अब पीछे खड़ी थी। "चलो, रीना! हमें घर चलना चाहिए।"

लेकिन जब रामू ने रीना को देखा, तो वह हैरान रह गया। रीना तालाब की ओर बढ़ रही थी, उसके चेहरे पर एक अजीब सी चमक थी। "रीना! क्या कर रही हो तुम?" उसने चिल्लाते हुए कहा।

"मुझे जाना है, रामू। यह मेरा भाग्य है," रीना ने कहा, उसकी आवाज में एक अलग ही धुन थी।

रामू ने उसे पकड़ने की कोशिश की, लेकिन रीना ने उसके हाथ से खुद को छुड़ाते हुए तालाब में कूद गई। रामू के होते हुए भी वह उसे बचाने में असमर्थ था। तालाब के पानी में अचानक एक धुंधलापन छा गया, और उसके बाद रीना का कोई नामोनिशान नहीं रहा।

रामू सदमे में आ गया। वह तालाब के किनारे फर्श पर गिर गया। उसका दिल जोर जोर से धड़क रहा था। तभी बाबा उसकी ओर लौटकर आया और बोला, "यहाँ जो होता है, वह कोई स्वाभाविक चीज़ नहीं है। तुम्हारी पत्नी अब उस साये की कैद में है। तुम्हें उसे बचाने के लिए एक खतरनाक यात्रा पर जाना होगा।"

रामू ने अपने अंतर्मन से प्रेरणा लेते हुए कहा, "मैं रीना को बचा कर रहूँगा।"

उस रात से रामू ने ठान लिया कि चाहे कुछ भी हो, वह रीना को वापस लाएगा। इस यात्रा में उसे कई खतरनाक बाधाओं का सामना करना पड़ा। वह गाँव के उन रहस्यमय स्थानों की गहराई में गया जहाँ केवल बहादुर लोग ही पहुँच सकते थे।

हर कदम पर उसे अपने प्यार और अपनी ताकत का अहसास हुआ। अंत में, उसने एक पुरानी गुफा के अंदर सीढ़ियों की एक श्रृंखला पाई। वहाँ उसने रीना को देखा, जो एक अंधेरे साये के बीच खड़ी थी।

"रीना!" रामू ने पुकारा।

रीना ने पलटा और उसके चेहरे पर एक मुस्कान आई, "रामू, तुम आ गए। मुझे यहाँ से ले चलो।"

जैसे ही रामू ने उसे पकड़ लिया, गुफा का वातावरण बदल गया। वह साया उनके करीब आया, लेकिन रामू ने एक कड़ी चुनौती स्वीकार की। उसने दिमागी ताकत से साये का सामना किया और अंततः उसे नष्ट कर दिया।

रीना रामू की बाहों में सुरक्षित लौट आई। दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाया और भाग्य को कोसा कि उन्होंने एक कठिन यात्रा की। सूरजपुर में वापस लौटकर उन्होंने गाँव वालों को अपने साहस की कहानी सुनाई।

अब सूरजपुर में न केवल प्यार की कहानी थी, बल्कि एक अद्भुत साहस की भी कहानी थी—जो अंधकार के खिलाफ खड़े होने की प्रेरणा देती थी।

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