भालू की कहानी jo आपको अच्छा लगे

एक बार   की बात है, एक घने जंगल में एक भालू रहता था। उसका नाम भोलू था। भोलू बहुत ही प्यारा और सरल स्वभाव का था, लेकिन वो थोड़ा आलसी भी था। उसे सबसे ज़्यादा पसंद था दिनभर पेड़ के नीचे लेटकर सोना और मस्ती करना।  जंगल में सभी जानवर उसकी सादगी के दीवाने थे। एक दिन, जंगल में खबर फैली कि अगले दिन एक बड़ा मेला लगने वाला है। सभी जानवर बड़े उत्साहित थे। बंदर, हिरण, खरगोश, सबने मेले के लिए पहले से तैयारी शुरू कर दी। कोई अपने पंख साफ कर रहा था, तो कोई नए कपड़े बना रहा था। लेकिन भोलू, हमेशा की तरह, पेड़ के नीचे लेटकर आराम कर रहा था।  अगले दिन मेला शुरू हुआ। हर कोई नए-नए कपड़े पहनकर और सज-धजकर मेले में आया। भोलू भी मेले में गया, लेकिन उसने कोई तैयारी नहीं की थी। जब उसने देखा कि सभी जानवर कितने सुंदर और तैयार होकर आए हैं, तो उसे थोड़ा शर्म महसूस हुई। उसे लगा कि सभी उसका मजाक उड़ाएंगे।  तभी, एक बूढ़ी लोमड़ी ने भोलू को देखा और मुस्कुराते हुए कहा, "भोलू, तुम्हें पता है? असली खूबसूरती कपड़ों या सजावट में नहीं होती, बल्कि तुम्हारे अच्छे दिल और सच्चे स्वभाव में होती है। तुम जैसे हो, वैसे ही सबसे खास हो।"  यह सुनकर भोलू की शर्म गायब हो गई। उसने पूरे मेले का आनंद लिया, हंसी-मजाक किया, और अपने दोस्तों के साथ खूब मस्ती की।  शिक्षा: असली सुंदरता हमारे कपड़ों या बाहरी रूप में नहीं, बल्कि हमारे स्वभाव और दिल की अच्छाई में होती है। 😊

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