प्रदर्शनकारी किसानों ने नोएडा में बैरिकेड्स तोड़ दिए और चले गए।

सोमवार, 2 दिसंबर, 2024 को, प्रदर्शनकारी किसानों के एक समूह ने उत्तर प्रदेश के नोएडा में बैरिकेड्स तोड़ दिए, क्योंकि उन्होंने विभिन्न मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए “दिल्ली चलो” मार्च शुरू किया था। पंजाब से आए किसानों ने घोषणा की थी कि वे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर चर्चा की मांग के लिए दिल्ली की ओर मार्च करेंगे।

बैरिकेड्स तोड़ना और पुलिस कार्रवाई

किसानों ने नोएडा में दलित प्रेरणा स्थल के पास बैरिकेड्स तोड़ दिए और दिल्ली की ओर बढ़ना शुरू कर दिया। हालांकि, पुलिस से बातचीत करने के बाद किसान विरोध स्थल से चले गए। इसके बाद पुलिस ने बैरिकेड्स हटा दिए और यातायात सामान्य हो गया।


यातायात व्यवधान और डायवर्जन

प्रदर्शन के कारण दिल्ली में प्रवेश करने वाले विभिन्न स्थानों पर भारी जाम लग गया, जिसमें DND फ्लाईवे, दिल्ली गेट और कालिंदी कुंज शामिल हैं। पुलिस ने कई बैरिकेड्स लगाए थे और किसानों को दिल्ली पहुंचने से रोकने के लिए वाहनों की गहन जांच कर रही थी। यातायात अधिकारियों ने गौतम बुद्ध नगर और दिल्ली के बीच यात्रा करने वाले लोगों के लिए यातायात व्यवधान को कम करने के लिए मेट्रो सेवा का उपयोग करने की सलाह दी।


किसानों की मांगें

भारतीय किसान परिषद (बीकेपी) के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे किसान भूमि अधिग्रहण से विस्थापित किसानों के लिए 10 प्रतिशत विकसित भूखंड आवंटित करने, नए कानूनी लाभों को लागू करने और किसान कल्याण के लिए राज्य समिति की सिफारिशों को अपनाने की मांग कर रहे थे। वे 1 जनवरी 2014 के बाद अधिग्रहित भूमि पर 20 प्रतिशत भूखंड और पुराने अधिग्रहण कानून के तहत मुआवजा बढ़ाने की भी मांग कर रहे थे।

सुरक्षा व्यवस्था

पुलिस ने किसानों के विरोध मार्च से पहले व्यापक व्यवस्था की थी, जिसमें करीब 5,000 पुलिस कर्मियों और 1,000 पीएससी कार्यकर्ताओं की तैनाती शामिल थी। तीन स्तरीय सुरक्षा योजना बनाई गई थी और निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था। किसानों को दिल्ली पहुंचने से रोकने के लिए पुलिस वाहनों की गहन जांच भी कर रही थी।


सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप

सुप्रीम कोर्ट ने खनौरी सीमा पर आमरण अनशन पर बैठे पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल से कहा था कि वे प्रदर्शनकारी किसानों को राजमार्गों को बाधित न करने और लोगों को असुविधा न पहुँचाने के लिए मनाएँ।


दिल्ली में किसानों का विरोध

दिल्ली में किसानों का विरोध प्रदर्शन कई महीनों से चल रहे एक बड़े आंदोलन का हिस्सा था। किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और अन्य लाभों को लागू करने की मांग कर रहे थे। विरोध प्रदर्शन के कारण शहर में बड़े पैमाने पर यातायात जाम और व्यवधान हुआ।


निष्कर्ष

प्रदर्शनकारी किसान नोएडा में बैरिकेड्स तोड़ने के बाद साइट से चले गए और यातायात फिर से शुरू हो गया। पुलिस ने किसानों को दिल्ली पहुंचने से रोकने के लिए व्यापक व्यवस्था की थी और सुप्रीम कोर्ट ने किसानों से राजमार्गों को बाधित न करने के लिए हस्तक्षेप करने को कहा था। 10% विकसित भूखंडों के आवंटन और बढ़े हुए मुआवजे सहित किसानों की मांगें पूरी नहीं हुईं। विरोध प्रदर्शन ने भारत में किसानों द्वारा चल रहे आंदोलन को उजागर किया, जो अपनी उपज के लिए बेहतर मूल्य और लाभ की मांग कर रहे हैं।

1 likes

Top related questions

Related queries

Latest questions