महाकुंभ 2025: अंडरवाटर ड्रोन, एआई कैमरे, एनएसजी कमांडो सुरक्षा व्यवस्था का हिस्सा; 45 करोड़ से अधिक आगंतुकों की उम्मीद।

आज, दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक महाकुंभ 2025, भारत के उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में शुरू होने वाला है। 45 करोड़ से ज़्यादा आगंतुकों के आने की उम्मीद के साथ, उत्तर प्रदेश पुलिस ने सभी प्रतिभागियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए व्यापक सुरक्षा उपाय लागू किए हैं। हर 12 साल में एक बार आयोजित होने वाला यह आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 तक चलेगा।

सुरक्षा व्यवस्था

सुरक्षा व्यवस्था में कई प्रमुख घटकों के साथ एक बहुस्तरीय दृष्टिकोण शामिल है:


पानी के नीचे ड्रोन और एआई कैमरे:

कुंभ क्षेत्र के चारों ओर कुल 2,700 एआई कैमरे लगाए गए हैं, जो वास्तविक समय की निगरानी प्रदान करते हैं।


पवित्र स्नान समारोहों के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जलमार्गों की निगरानी के लिए 113 पानी के नीचे के ड्रोन तैनात किए जा रहे हैं।


एनएसजी कमांडो:

उच्च-स्तरीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) कमांडो तैनात किए गए हैं।


मॉक ड्रिल का आयोजन राज्य आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) और प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी) के सहयोग से किया गया है।


चेकपॉइंट सिस्टम:

सात महत्वपूर्ण मार्गों पर 102 चेकपॉइंट के साथ एक परिपत्र सुरक्षा प्रणाली स्थापित की गई है।


इन चेकपॉइंट पर वाहनों और व्यक्तियों दोनों की जांच की जाती है।


कर्मियों की तैनाती:


71 निरीक्षकों, 234 उपनिरीक्षकों, 645 कांस्टेबलों और 113 होमगार्ड/प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) कर्मियों सहित 1,000 से अधिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है।


अतिरिक्त संसाधन:

पांच वज्र वाहन, 10 ड्रोन और चार तोड़फोड़ विरोधी दल चौबीसों घंटे इलाके में गश्त करेंगे।


71 निरीक्षक, 234 उपनिरीक्षक, 645 कांस्टेबल और 113 होमगार्ड/पीआरडी कर्मी सक्रिय रूप से इस आयोजन की निगरानी कर रहे हैं।

प्रमुख तिथियां और अनुष्ठान

मुख्य स्नान अनुष्ठान, या शाही स्नान, प्रमुख शुभ तिथियों पर होंगे:


14 जनवरी (मकर संक्रांति): लाखों तीर्थयात्रियों के संगम में पवित्र डुबकी लगाने की उम्मीद है।


29 जनवरी (मौनी अमावस्या): एक और महत्वपूर्ण स्नान दिवस।


3 फरवरी (बसंत पंचमी): अंतिम प्रमुख स्नान अनुष्ठान।


प्रतिभागियों की बड़ी संख्या और आयोजन के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए सुरक्षा चुनौतियां बहुत बड़ी हैं। इन चुनौतियों से निपटने के लिए, उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक मजबूत सुरक्षा ढांचा तैयार किया है:


मॉक ड्रिल: राज्य आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी), और प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी) के सहयोग से आयोजित किया गया।


उन्नत तकनीक: निगरानी और भीड़ प्रबंधन को बढ़ाने के लिए पानी के नीचे के ड्रोन और एआई-सक्षम कैमरों का उपयोग करना।


बहुस्तरीय सुरक्षा प्रणाली: "अभय सुरक्षा चक्रव्यूह" नामक इस प्रणाली का उद्देश्य मंदिरों और अखाड़ों सहित प्रमुख प्रतिष्ठानों की सुरक्षा करना है।


आगंतुकों की अपेक्षाएँ और सुरक्षा उपाय

45 करोड़ से ज़्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, इसलिए सभी प्रतिभागियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने ज़ोर दिया है कि वे सभी प्रतिभागियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सुरक्षा उपाय आगंतुकों की भारी आमद को संभालने और धार्मिक समारोहों के लिए एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।


निष्कर्ष

महाकुंभ 2025 एक महत्वपूर्ण आयोजन है जिसके लिए सावधानीपूर्वक योजना और मज़बूत सुरक्षा उपायों की ज़रूरत है। उन्नत तकनीक, जैसे कि AI कैमरे और अंडरवाटर ड्रोन, NSG कमांडो की तैनाती और एक बहु-स्तरीय सुरक्षा प्रणाली का संयोजन सभी प्रतिभागियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। जैसे-जैसे कार्यक्रम आगे बढ़ेगा, इन उपायों की निगरानी की जाएगी और सभा की बदलती ज़रूरतों को पूरा करने के लिए उन्हें समायोजित किया जाएगा।

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