तेलंगाना सुरंग ढहने से फंसे मजदूरों पर मंत्री की गंभीर टिप्पणी।

तेलंगाना के श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) सुरंग में एक बड़ा बचाव अभियान चल रहा है, जहाँ शनिवार को सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था, जिससे आठ मज़दूर फंस गए थे। सोमवार, 24 फ़रवरी, 2025 तक, तेलंगाना के मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव ने कहा कि सुरंग में मौजूद कीचड़ और मलबे के कारण फंसे हुए मज़दूरों के बचने की संभावना "बहुत, बहुत, बहुत, बहुत कम" थी। घटनास्थल का दौरा करने वाले मंत्री ने कहा कि सुरंग का 9 मीटर व्यास लगभग पूरी तरह से कीचड़ से भरा हुआ है, जिससे बचाव दल के लिए नेविगेट करना बेहद मुश्किल हो गया है। बचाव प्रयास और चुनौतियाँ बचाव दल: राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), भारतीय सेना और उत्तराखंड में सिल्कयारा सुरंग बचाव दल के विशेषज्ञ चूहा खनिकों की एक टीम सहित कई एजेंसियाँ बचाव अभियान में शामिल हैं। पानी और मलबा: बचाव दल सुरंग के अंदर 13.5 किलोमीटर तक पहुँच चुके हैं, लेकिन जलभराव और मलबे के कारण बाधाओं का सामना कर रहे हैं। कई सौ टन वजनी सुरंग खोदने वाली मशीन भी तेज बहाव में बह गई, जिससे बचाव अभियान और भी जटिल हो गया।

जल निकासी और ऑक्सीजन की आपूर्ति: जल निकासी का काम चल रहा है, और फंसे हुए श्रमिकों की सहायता के लिए सुरंग में ऑक्सीजन पंप की जा रही है। हालांकि, गाद और पानी के भारी जमाव ने ढहने वाली जगह तक आखिरी 40 मीटर तक पहुंचना चुनौतीपूर्ण बना दिया है।


फंसे हुए श्रमिकों की पहचान


फंसे हुए आठ श्रमिकों की पहचान इस प्रकार की गई है:


उत्तर प्रदेश के मनोज कुमार और श्री निवास


जम्मू और कश्मीर के सनी सिंह


पंजाब के गुरप्रीत सिंह


झारखंड के संदीप साहू, जेगता जैस, संतोष साहू और अनुज साहू


इनमें से दो इंजीनियर, दो ऑपरेटर और चार मजदूर हैं।


राजनीतिक और प्रशासनिक प्रतिक्रिया


तेलंगाना सरकार: मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी अपडेट प्राप्त कर रहे हैं, और मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी और जुपल्ली कृष्ण राव बचाव अभियान की निगरानी कर रहे हैं।


झारखंड सरकार: स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी स्थिति पर करीब से नज़र रख रहे हैं और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तेलंगाना के सीएम से हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए बात की है।


राष्ट्रीय नेता: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी से बात की और सरकार से बचाव प्रयासों में कोई कसर नहीं छोड़ने का आग्रह किया।


जनता और मीडिया का ध्यान

इस घटना ने पूरे देश का ध्यान खींचा है, फंसे हुए श्रमिकों के परिवार और आम जनता बचाव प्रयासों पर करीब से नज़र रख रही है। तेलंगाना सरकार ने अपनी विशेषज्ञता के कारण ऑपरेशन में सहायता के लिए सिल्कयारा टनल रेस्क्यू से छह सदस्यीय टीम को बुलाया है, जिसमें रैट-होल माइनर्स भी शामिल हैं।


निष्कर्ष

गंभीर परिदृश्य के बावजूद, बचाव दल फंसे हुए श्रमिकों तक पहुँचने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों और व्यापक मलबे और पानी को साफ करने की आवश्यकता को देखते हुए ऑपरेशन में कम से कम तीन से चार दिन लगने की उम्मीद है।

स्थिति गंभीर बनी हुई है, और सभी प्रयास फंसे हुए श्रमिकों की सुरक्षा और बचाव सुनिश्चित करने पर केंद्रित हैं।

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