ओडिशा के पुरी के पास बंगाल की खाड़ी में 5.1 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया।

मंगलवार, 25 फरवरी, 2025 की सुबह ओडिशा के पुरी के पास बंगाल की खाड़ी में 5.1 तीव्रता का भूकंप आया। भुवनेश्वर, कटक और पारादीप सहित ओडिशा के कई तटीय जिलों के साथ-साथ पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों, खासकर कोलकाता में झटके महसूस किए गए। सुबह 6:10 बजे आए भूकंप को 91 किमी की गहराई पर दर्ज किया गया, जिसका केंद्र पुरी से लगभग 286 किमी पूर्व में अक्षांश 19.52 डिग्री उत्तर और देशांतर 88.55 डिग्री पूर्व में स्थित था। महत्वपूर्ण परिमाण के बावजूद, हताहतों या संरचनात्मक क्षति की तत्काल कोई रिपोर्ट नहीं है और प्रभाव नगण्य कहा जाता है क्योंकि भूकंप का केंद्र तट से दूर स्थित है। भूकंप का विवरण परिमाण और स्थान: भूकंप की तीव्रता 5.1 थी और इसका केंद्र ओडिशा के पुरी के पास बंगाल की खाड़ी में था घटना का समय: भूकंप मंगलवार, 25 फरवरी, 2025 को सुबह 6:10 बजे आया। प्रभावित क्षेत्र: ओडिशा के कई हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिनमें भुवनेश्वर, कटक, पारादीप, बरहामपुर, बालासोर और अन्य तटीय जिले शामिल हैं। पश्चिम बंगाल में, कोलकाता और दीघा में और पड़ोसी राज्यों जैसे झारखंड (धनबाद) और बिहार (गया) में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटके बांग्लादेश के कुछ हिस्सों तक भी पहुँचे। प्रभाव और प्रतिक्रिया: भूकंप केवल कुछ सेकंड तक चला, जिससे निवासियों में क्षणिक घबराहट पैदा हो गई, लेकिन किसी के हताहत होने या महत्वपूर्ण क्षति की तत्काल कोई रिपोर्ट नहीं है। सोशल मीडिया ने सूचना प्रसारित करने और सामुदायिक समर्थन सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हालाँकि शहर सीधे सक्रिय फॉल्ट लाइनों पर स्थित नहीं है, लेकिन बंगाल की खाड़ी जैसे पड़ोसी क्षेत्रों में भूकंपीय गतिविधियाँ भूकंप का कारण बन सकती हैं। इस कार्यक्रम ने शहरी क्षेत्रों में मजबूत निर्माण प्रथाओं और आपदा तैयारी योजनाओं की आवश्यकता पर प्रकाश डाला है। संदर्भ और पृष्ठभूमि

क्षेत्र में भूकंपीय गतिविधि: बंगाल की खाड़ी भूगर्भीय रूप से जटिल क्षेत्र है, जहाँ अक्सर भूकंपीय गतिविधियाँ होती रहती हैं। हालाँकि इनमें से ज़्यादातर भूकंप इतने गंभीर नहीं होते कि वे बहुत ज़्यादा नुकसान पहुँचा सकें, लेकिन वे इस क्षेत्र की संवेदनशीलता की याद दिलाते हैं। हाल ही में आया भूकंप इस क्षेत्र में भूकंपीयता के व्यापक पैटर्न का हिस्सा है।


पिछली भूकंपीय घटनाएँ: रविवार, 23 फरवरी, 2025 को हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में 3.7 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके झटके जिले के कुछ हिस्सों में महसूस किए गए। जान-माल के किसी नुकसान की सूचना नहीं मिली, लेकिन इस घटना ने क्षेत्र की भूकंपीय संवेदनशीलता को रेखांकित किया।


भारत में भूकंपीय क्षेत्र: ओडिशा और पश्चिम बंगाल भूकंपीय क्षेत्र III और II में आते हैं, जिन्हें भूकंप के लिए मध्यम से कम संवेदनशील माना जाता है। महानदी और ब्राह्मणी नदी घाटियाँ और साथ ही भुवनेश्वर, कटक और पुरी जैसे प्रमुख शहर भूकंपीय क्षेत्र III में आते हैं।


आधिकारिक बयान और निगरानी

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS): NCS ने भूकंप की सूचना दी और इसकी तीव्रता, गहराई और उपरिकेंद्र के बारे में विस्तृत जानकारी दी। एजेंसी संभावित झटकों के लिए क्षेत्र की निगरानी करना जारी रखती है।


भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD): IMD ने भूकंप के विवरण की पुष्टि की और कहा कि प्रभाव नगण्य था, लेकिन निवासियों को सतर्क रहना चाहिए। विभाग ने भूकंप के बाद सुनामी की संभावना का भी पूर्वानुमान लगाया, हालांकि तत्काल कोई खतरा नहीं बताया गया।


सामुदायिक प्रतिक्रिया


सोशल मीडिया: X जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ने सूचना प्रसारित करने और सामुदायिक समर्थन सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कई निवासियों ने अपने अनुभव साझा किए और दूसरों की सुरक्षा की जाँच की, प्राकृतिक आपदाओं के दौरान एकजुटता की भावना को बढ़ावा देने में डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के महत्व पर प्रकाश डाला।


निवासियों के अनुभव: विभिन्न शहरों के निवासियों ने बताया कि उन्होंने झटके महसूस किए, कुछ तो झटकों से जाग भी गए। राउरकेला के एक निवासी ने बताया कि जब उनका कमरा हिल रहा था तो उन्हें लहरें महसूस हुईं, जबकि कटक के एक अन्य निवासी ने बताया कि जब उनका बिस्तर हिल रहा था तो वे जाग गए।

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