अबूझमाड़ मुठभेड़ में शीर्ष माओवादी बसावा राजू मारा गया।

बसव राजू, जिन्हें नंबाला केशव राव या बसवराज के नाम से भी जाना जाता है, एक शीर्ष माओवादी नेता और प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के महासचिव थे। वह 21 मई, 2025 को छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ वन क्षेत्र में "ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट" नामक एक बड़े नक्सल विरोधी अभियान में मारा गया था। नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोंडागांव जिलों के जिला रिजर्व गार्ड (DRG) और स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा किए गए ऑपरेशन में राजू सहित कम से कम 27 माओवादी मारे गए। यह ऑपरेशन इलाके में एक वरिष्ठ माओवादी नेता के छिपे होने की खुफिया जानकारी पर आधारित था।

माओवादी आंदोलन में प्रमुख व्यक्ति: राजू पोलित ब्यूरो के सदस्य थे और 2018 में गणपति के इस्तीफा देने के बाद सीपीआई (माओवादी) के सुप्रीम कमांडर बन गए। माना जाता है कि उन्होंने कई हाई-प्रोफाइल हमलों की साजिश रची थी और वह राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) का सबसे वांछित माओवादी था, जिसके सिर पर 1 करोड़ रुपये से अधिक का इनाम था। विस्फोटक विशेषज्ञ के रूप में जाने जाने वाले राजू ने सुरक्षा बलों पर घात लगाकर हमला करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले घातक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) तैयार करने में अहम भूमिका निभाई थी। वह 1 अक्टूबर, 2003 को तत्कालीन आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू पर हुए हमले का मुख्य योजनाकार था। दंतेवाड़ा हमला (2010): उसने उस हमले में अहम भूमिका निभाई थी जिसमें 76 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान मारे गए थे, यह सुरक्षा बलों पर सबसे घातक माओवादी हमलों में से एक था। गढ़चिरौली हमला: राजू उस हमले का मास्टरमाइंड था जिसमें महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में 15 सी-60 कमांडो मारे गए थे। भाजपा विधायक पर दंतेवाड़ा हमला: वह उस हमले में शामिल था जिसमें दंतेवाड़ा में भाजपा विधायक भीमा मंडावी और चार सुरक्षाकर्मी मारे गए थे। LTTE द्वारा प्रशिक्षण: रिपोर्टों से पता चलता है कि राजू को लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम (LTTE) द्वारा प्रशिक्षित किया गया था, जिसके कारण उसे गुरिल्ला युद्ध और विस्फोटकों में विशेषज्ञता हासिल हुई। अबूझमाड़ मुठभेड़ अभियान का विवरण: सुरक्षा बलों ने राजू समेत 26-27 माओवादियों के शव बरामद किए। यह अभियान अक्टूबर 2024 में एक और बड़े नक्सल विरोधी अभियान के बाद हुआ है, जिसमें अबूझमाड़ में 31 माओवादी मारे गए थे। अबूझमाड़ की भूमिका: 6,000 वर्ग किमी सरकार का लक्ष्य: भारत सरकार का लक्ष्य 31 मार्च 2026 तक माओवादी विद्रोह को समाप्त करना है और इस तरह के अभियान उसी रणनीति का हिस्सा हैं।

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