मणिपुर में फिर अशांति! CBI की अरमबाई तेंगगोल नेता की गिरफ्तारी से भड़की हिंसा
608 Jun 2025
मणिपुर में एक बार फिर हिंसा भड़क उठी है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 2023 की जातीय हिंसा के सिलसिले में आरामबाई टेंगोल के एक प्रमुख सदस्य कानन सिंह को इंफाल एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया है। इस गिरफ्तारी के बाद शनिवार (7 जून 2025) रात से इंफाल घाटी के पांच जिलों- इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, थौबल, बिष्णुपुर और काकचिंग में हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर टायर और फर्नीचर जलाए, एयरपोर्ट गेट को घेर लिया और सुरक्षा बलों से भिड़ गए। कुछ ने आत्मदाह का प्रयास किया, जबकि क्वाकेथेल में गोलीबारी की खबरें हैं। इस अशांति ने एक बार फिर मणिपुर की नाजुक शांति को खतरे में डाल दिया है।
गिरफ्तारी का कारण: सीबीआई ने मई 2023 की मणिपुर हिंसा से संबंधित आपराधिक गतिविधियों के लिए कानन सिंह और चार अन्य सदस्यों को हिरासत में लिया। कानन सिंह को गुवाहाटी ले जाया गया, जहां उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा। मैतेई समुदाय का सांस्कृतिक संगठन होने का दावा करने वाले अरंबाई टेंगोल पर 2023 में मैतेई-कुकी-जो हिंसा में शामिल होने का आरोप है। संगठन पर सशस्त्र मिलिशिया गतिविधियों का भी आरोप है, जिसके कारण यह विवादों में आ गया है। गिरफ्तारी के बाद भड़की हिंसा को देखते हुए मणिपुर सरकार ने तत्काल कार्रवाई की। पांच जिलों में इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाएं (वीसैट और वीपीएन सहित) पांच दिनों के लिए निलंबित कर दी गईं। बिष्णुपुर में पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया गया है और चार या उससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई है। हिंसा प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है, लेकिन तनाव कम नहीं हो रहा है। क्वाकेथेल में गोलीबारी की घटनाएं चिंता का विषय बनी हुई हैं, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि गोलियां किसने चलाईं। राजनीतिक प्रतिक्रिया: गिरफ्तारी का विरोध करने और गिरफ्तार नेताओं की रिहाई की मांग को लेकर 25 विधायकों और एक सांसद ने राज्यपाल अजय भल्ला से मुलाकात की। राज्यपाल ने स्पष्ट किया कि गिरफ्तारी अरंबाई टेंगोल को निशाना बनाने के लिए नहीं की गई थी बल्कि यह सीबीआई के निजी मामले से संबंधित थी। वहीं, कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मणिपुर के लोगों की पीड़ा के प्रति "असंवेदनशील" होने का आरोप लगाया।
संगठन ने गिरफ्तारी के विरोध में 10 दिनों के बंद का आह्वान किया है, जिससे राज्य में तनाव और बढ़ सकता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस बंद से रोजमर्रा की जिंदगी और कारोबार पर असर पड़ेगा। मणिपुर में पहले से ही राष्ट्रपति शासन लागू है और इंटरनेट बैन और कर्फ्यू के कारण सामान्य जनजीवन ठप हो गया है।
2023 मणिपुर हिंसा में सैकड़ों लोग मारे गए और लाखों लोग विस्थापित हुए। अरंबाई टेंगोले पर हिंसा भड़काने का आरोप है, जिससे मैतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच तनाव बढ़ा। सीबीआई ने कहा कि मणिपुर में अस्थिर कानून व्यवस्था की स्थिति के कारण हिंसा से जुड़े मामलों की सुनवाई गुवाहाटी में होगी।
मौजूदा स्थिति: मणिपुर में हिंसा और अशांति का माहौल है। स्थानीय संगठन और समुदाय सरकार से शांति बहाल करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अरंबाई टेंगोले के समर्थकों का गुस्सा कम नहीं हो रहा है। यह स्थिति मणिपुर की सामाजिक और राजनीतिक स्थिरता के लिए गंभीर चुनौती पेश कर रही है।
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