अलकनंदा नदी में बस गिरी, 2 की मौत, 10 लापता
026 Jun 2025
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में गुरुवार, 26 जून, 2025 को सुबह करीब साढ़े सात बजे दिल दहला देने वाली घटना हुई, जब चार धाम यात्रियों को ले जा रही एक बस बद्रीनाथ हाईवे पर घोलथिर के पास अनियंत्रित होकर अलकनंदा नदी में गिर गई। इस भीषण हादसे में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई है, जबकि दस यात्री अभी भी लापता हैं। भारी बारिश और नदी में तेज बहाव ने बचाव अभियान को और जटिल बना दिया है, जिससे पूरे इलाके में दहशत फैल गई है।
31 सीटों वाला टेम्पो ट्रैवलर वाहन ऋषिकेश से बद्रीनाथ जा रहा था और इसमें राजस्थान और गुजरात के परिवारों सहित 18 से 25 यात्री सवार थे। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, बारिश से भीगे और फिसलन भरे रास्ते पर एक खतरनाक मोड़ पर चालक ने नियंत्रण खो दिया, जिसके बाद बस गहरी खाई में गिर गई और अलकनंदा नदी की तेज धाराओं में बह गई। बस का मलबा नदी में डूब गया, जिससे बचाव अभियान और भी चुनौतीपूर्ण हो गया।
राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा प्रतिवादन बल (एनडीआरएफ), स्थानीय पुलिस और स्वयंसेवकों ने तत्काल बचाव अभियान शुरू किया। अब तक सात से आठ यात्रियों को सुरक्षित बचा लिया गया है, जिनमें से छह से आठ घायल हैं और उनका इलाज रुद्रप्रयाग के जिला अस्पताल में चल रहा है। रेड क्रॉस सोसाइटी के सत्येंद्र सिंह भंडारी ने बताया कि दो शव बरामद हुए हैं, एक दुर्घटनास्थल के पास से और दूसरा नीचे की ओर से। लापता दस यात्रियों की तलाश जारी है, एसडीआरएफ की टीमें सोनार मशीनों और गोताखोरों की मदद से 40 किलोमीटर दूर श्रीनगर, गढ़वाल तक नदी में खोज कर रही हैं। जलस्तर कम होने पर हेलीकॉप्टर की मदद भी ली जा सकती है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस त्रासदी पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए ट्विटर पर लिखा, "रुद्रप्रयाग में टेंपो ट्रैवलर के नदी में गिरने की खबर बेहद दुखद है। एसडीआरएफ और अन्य बचाव दल युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य कर रहे हैं। मैं स्थानीय प्रशासन के लगातार संपर्क में हूं।" उन्होंने अधिकारियों को लापता तीर्थयात्रियों की तलाश के लिए सभी संभव संसाधनों का उपयोग करने का निर्देश दिया है और प्रभावित परिवारों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर (01364-233900) जारी किया गया है। यह दुर्घटना उत्तराखंड की पहाड़ी सड़कों पर मानसून के दौरान यात्रा के खतरों को उजागर करती है, जहां भूस्खलन और फिसलन भरी सड़कें एक बड़ा जोखिम पैदा करती हैं। रुद्रप्रयाग प्रशासन ने अफवाहों पर ध्यान न देने और केवल आधिकारिक जानकारी पर भरोसा करने की अपील की है। यह दुर्घटना हाल ही में हुई अन्य दुर्घटनाओं की श्रृंखला में से एक है, जो तीर्थयात्रा मार्गों पर बेहतर सड़क सुरक्षा उपायों की आवश्यकता को रेखांकित करती है। बचाव दल कठिनाइयों से जूझ रहे हैं, जबकि पूरा देश प्रभावित परिवारों के साथ शोक मना रहा है, लापता लोगों की सुरक्षित वापसी और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहा है। यह घटना तीर्थयात्रियों को अपनी आध्यात्मिक यात्रा के दौरान अप्रत्याशित खतरों का सामना करने की दुखद याद दिलाती है।
0 likes
Top related questions
Related queries
Latest questions
26 Jun 2025 0
24 Jun 2025 1
23 Jun 2025 1
22 Jun 2025 1
21 Jun 2025 1
20 Jun 2025 1
18 Jun 2025 1
17 Jun 2025 1