अंडमान निकोबार में 6.2 तीव्रता का भूकंप: धरती हिली, लोग दहशत में बाहर निकले
229 Jul 2025
🌍 अंडमान निकोबार में 6.2 तीव्रता का भूकंप: धरती हिली, लोग दहशत में बाहर निकले
🔸 प्रस्तावना: प्रकृति की चेतावनी
26 जुलाई 2025 की सुबह अंडमान निकोबार द्वीप समूह में एक भूकंप के तेज़ झटकों ने लोगों को हिला कर रख दिया। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.2 मापी गई, जिसने समुद्र के अंदर गहराई में उत्पन्न होकर द्वीपों को हिला दिया।
यह घटना एक बार फिर यह दर्शाती है कि प्राकृतिक आपदाएं कितनी अनिश्चित और शक्तिशाली होती हैं, और हमें हर समय इनके लिए तैयार रहना चाहिए।
🔸 कब और कहां आया भूकंप?
भूकंप का केंद्र अंडमान सागर में बताया गया है, जो समुद्र तल से लगभग 10 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था।
इसका समय सुबह लगभग 8:45 बजे दर्ज किया गया, जब अधिकतर लोग अपने दैनिक कार्यों की शुरुआत कर ही रहे थे।
📌 प्रमुख जानकारी:
स्थान: अंडमान निकोबार द्वीप समूह
समय: सुबह 8:45 बजे
तीव्रता: 6.2 रिक्टर स्केल
गहराई: 10 किमी
प्रभाव क्षेत्र: पोर्ट ब्लेयर, हैवलॉक, नील द्वीप, कार निकोबार सहित आसपास के तटीय इलाके
🔸 लोगों में दहशत का माहौल
भूकंप के झटके इतने तीव्र थे कि घरों, दुकानों और दफ्तरों की दीवारें कांपने लगीं।
लोग डर के मारे बाहर की ओर दौड़ने लगे।
कुछ जगहों पर घरों में दरारें भी देखी गईं, हालांकि अब तक किसी बड़े नुकसान या जानमाल की हानि की पुष्टि नहीं हुई है।
“मैं अपने बच्चों को स्कूल भेज रही थी तभी पूरा घर हिलने लगा। हम डर के मारे तुरंत बाहर आ गए।”
– स्थानीय निवासी, पोर्ट ब्लेयर
🔸 प्रशासन की सतर्कता और राहत प्रतिक्रिया
भूकंप की सूचना मिलते ही अंडमान प्रशासन तुरंत हरकत में आया।
NDRF (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) को सतर्क कर दिया गया
तटीय क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाई गई
संभावित सुनामी अलर्ट की संभावना का आकलन किया गया, हालांकि अभी तक ऐसी कोई चेतावनी नहीं दी गई है
पोर्ट ब्लेयर प्रशासन ने लोगों से शांत रहने और अफवाहों से बचने की अपील की है।
🔸 वैज्ञानिकों का क्या कहना है?
भूकंप विशेषज्ञों के अनुसार, अंडमान निकोबार द्वीप समूह "हाई सीस्मिक ज़ोन" (High Seismic Zone) में आता है,
जहां टेक्टॉनिक प्लेट्स की हलचलें अक्सर देखी जाती हैं।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार,
“यह भूकंप इंडो-ऑस्ट्रेलियन प्लेट और बर्मा प्लेट की टकराव सीमा पर आया है, जो स्वाभाविक है। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है।”
🔸 क्या सुनामी का खतरा है?
अब तक IMD और राष्ट्रीय सुनामी चेतावनी केंद्र (NTWC) ने कोई सुनामी की चेतावनी जारी नहीं की है।
हालांकि प्रशासन ने समुद्र तटीय इलाकों में चौकसी और निगरानी को और अधिक सतर्क कर दिया है।
🔸 सोशल मीडिया पर वायरल हुआ डर और समर्थन
जैसे ही झटकों का एहसास हुआ, लोगों ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया पोस्ट करनी शुरू कर दी।
AndamanEarthquake ट्रेंड करने लगा।
कई लोगों ने तस्वीरें और वीडियो साझा किए जिसमें पंखे हिलते, दीवारों में कंपन और लोग सड़कों पर भागते दिखे।
🔸 पूर्व तैयारी और भूकंप से बचाव
भारत जैसे देशों में, जो भूकंपीय दृष्टि से संवेदनशील हैं, वहां पूर्व चेतावनी प्रणाली, भवन निर्माण के मानक और आपातकालीन योजनाएं बेहद जरूरी हैं।
✅ बचाव के सामान्य उपाय:
किसी ठोस टेबल के नीचे बैठें
खुले मैदान की ओर जाएं
लिफ्ट का इस्तेमाल न करें
मोबाइल और रेडियो से सूचना लेते रहें
अफवाहों से दूर रहें
🔸 अंडमान में भूकंप की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
अंडमान निकोबार क्षेत्र में इससे पहले भी कई भूकंप आ चुके हैं।
विशेषकर 2004 की सुनामी, जिसने साउथ एशिया में तबाही मचाई थी, उसका मुख्य केंद्र भी इसी क्षेत्र में था।
इस वजह से यह इलाका हमेशा से संवेदनशील माना जाता रहा है।
🔸 प्रशासन की सलाह: घबराएं नहीं, सतर्क रहें
अंडमान प्रशासन और मौसम विभाग की ओर से जारी अपील में कहा गया है:
“लोगों से अनुरोध है कि वे शांत रहें और किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें। स्थिति पर पूरी नजर रखी जा रही है।”
🔸 निष्कर्ष: प्रकृति की चेतावनी, तैयारी की जरूरत
हर भूकंप हमें यह याद दिलाता है कि प्रकृति के आगे इंसानी शक्ति सीमित है।
लेकिन बेहतर प्रबंधन, सतर्कता और तकनीकी सहायता के ज़रिए हम अपने नागरिकों को बचा सकते हैं।
यह समय है कि हम आपदा प्रबंधन को प्राथमिकता दें, नागरिकों को जागरूक करें और आपात स्थिति में खुद को तैयार रखें।
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