चीन में बच्चा पैदा करने पर ₹1.30 लाख देगी सरकार
031 Jul 2025
भारत से उल्टा सिस्टम: चीन में बच्चा पैदा करने पर ₹1.30 लाख देगी सरकार
चीन का उल्टा सिस्टम: बच्चा पैदा करने पर मिल रही सरकारी मदद
जहाँ भारत की जनसंख्या दुनिया में सबसे ऊपर है और सरकारी नीतियों में परिवार नियोजन पर जोर दिया जा रहा है, वहीं चीन अब अपने नागरिकों को बच्चा पैदा करने के लिए पैसे देने को मजबूर हो गया है।
हाल ही में चीन की सरकार ने घोषणा की कि वह प्रत्येक नवजात बच्चे के जन्म पर लगभग ₹1.30 लाख (13,000 युआन) तक की आर्थिक सहायता देगी। यह कदम चीन में गिरती जन्म दर और बढ़ती बुजुर्ग आबादी को देखते हुए उठाया गया है।
📉 वन चाइल्ड पॉलिसी का दुष्प्रभाव
चीन ने 1980 में वन चाइल्ड पॉलिसी लागू की थी। इसका उद्देश्य था तेजी से बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण। हालाँकि, इस नीति का दीर्घकालिक प्रभाव काफी नकारात्मक साबित हुआ:
जन्म दर में भारी गिरावट
महिला-पुरुष अनुपात में असंतुलन
श्रमिक शक्ति में गिरावट
बुजुर्गों की संख्या में भारी वृद्धि
आंकड़ों के अनुसार:
वर्ष जन्म दर (प्रति 1000) बुजुर्ग आबादी (%) 2016 12.95 10.5% 2021 7.52 18% 2024 6.10 21%
👵 21% आबादी बुजुर्ग – संकट गहराया
चीन की कुल जनसंख्या में अब 21% लोग 60 वर्ष से अधिक आयु के हैं। इसका अर्थ है कि देश में काम करने वाले लोगों की संख्या घट रही है, जबकि पेंशन और स्वास्थ्य सेवाओं का बोझ बढ़ता जा रहा है।
प्रमुख चिंताएँ:
श्रमिकों की भारी कमी
अर्थव्यवस्था पर वृद्धजन बोझ
स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव
भविष्य में सैन्य और तकनीकी क्षेत्र में युवाओं की कमी
💰 नया प्रोत्साहन: बच्चा पैदा करो, पैसे पाओ
चीन के विभिन्न प्रांतों ने अब जनसंख्या को प्रोत्साहित करने के लिए नई योजनाएँ शुरू की हैं। प्रमुख लाभों में शामिल हैं:
₹1.30 लाख तक आर्थिक सहायता प्रति बच्चा
मातृत्व और पितृत्व छुट्टी में बढ़ोत्तरी
टैक्स छूट
मुफ्त शिक्षा और मेडिकल सुविधाएँ
हाउसिंग स्कीम्स में प्राथमिकता
यह सब कुछ एक ऐसे देश में हो रहा है जिसने कभी बच्चा पैदा करने पर सजा दी थी।
🇮🇳 भारत और चीन की जनसंख्या नीति में अंतर
पक्ष भारत चीन नीति परिवार नियोजन जनसंख्या बढ़ाना आर्थिक सहायता सीमित (गरीब वर्ग के लिए) सार्वभौमिक प्रोत्साहन जन्म दर स्थिर (2.1) लगातार गिर रही (1.09) बुजुर्ग प्रतिशत लगभग 10% 21% और बढ़ रही
भारत में जहाँ युवाओं की संख्या ज्यादा है और बेरोजगारी बड़ी समस्या है, वहीं चीन काम करने वालों की कमी से जूझ रहा है।
🌏 वैश्विक प्रभाव
चीन का यह जनसंख्या संकट सिर्फ उसका आंतरिक मामला नहीं है। इसका असर वैश्विक सप्लाई चेन, उद्योग, और अर्थव्यवस्था पर भी होगा।
“अगर श्रमिक नहीं होंगे, तो चीन की मैन्युफैक्चरिंग ताकत कमजोर पड़ेगी, जिसका असर भारत जैसे देशों के अवसरों पर पड़ेगा।” – ग्लोबल इकनॉमिक एक्सपर्ट्स
🧠 विशेषज्ञों की राय
प्रो. ली वेनलिंग (बीजिंग यूनिवर्सिटी):
"वन चाइल्ड पॉलिसी ने जिस समस्या को रोकना था, अब उसी नीति ने देश को जनसंख्या संकट की ओर धकेल दिया है।"
डॉ. अनुज शर्मा (भारतीय जनसंख्या विशेषज्ञ):
"भारत को चीन की गलती से सीखने की जरूरत है। असंतुलित नीति समाज में दीर्घकालिक संकट ला सकती है।"
📲 जनता की प्रतिक्रियाएँ
चीन की सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लोग इस योजना को "Money for Babies" कहकर मजाक बना रहे हैं। वहीँ कुछ लोग इसे सरकार का कठोर लेकिन जरूरी फैसला बता रहे हैं।
“अब वो समय आ गया है कि चीन कहे – जनसंख्या ही शक्ति है।” – एक चीनी ट्विटर यूजर
🧾 निष्कर्ष
जहाँ पहले जनसंख्या को बोझ समझा जाता था, अब वही देश की ताकत बन गई है। चीन का ₹1.30 लाख देने वाला फैसला यह दर्शाता है कि जनसंख्या नियंत्रण की जबरदस्ती नीति समाज और अर्थव्यवस्था दोनों के लिए दीर्घकालिक नुकसानदायक हो सकती है।
भारत को चाहिए कि वह अपने युवा संसाधन को शिक्षित, कुशल और उत्पादक बनाए ताकि वह अपने जनसंख्या लाभ को आर्थिक लाभ में बदल सके।
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