आज से बदल गए हैं UPI के ये ज़रूरी नियम, जानें आम यूज़र्स पर क्या होगा असर

आज से बदल गए हैं UPI के ये ज़रूरी नियम, जानें आम यूज़र्स पर क्या होगा असर


📰 आज से बदल गए UPI के नियम: जानें पूरी जानकारी


नई दिल्ली, 1 अगस्त, 2025 — भारत में डिजिटल भुगतान का सबसे बड़ा माध्यम बन चुके UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफ़ेस) को लेकर भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने कुछ नए नियमों की घोषणा की थी, जो आज से लागू हो गए हैं।


इन नियमों में बदलाव का मुख्य उद्देश्य UPI इकोसिस्टम को मज़बूत करना, बैंकों की लागत को संतुलित करना और बड़े व व्यावसायिक लेनदेन को नियंत्रित करना है।


🔄 क्या बदलाव किए गए हैं?


1. ₹2,000 से ज़्यादा के लेनदेन पर इंटरचेंज शुल्क


अब अगर आप किसी व्यापारी के साथ ₹2,000 से ज़्यादा का लेनदेन करते हैं (जैसे ऑनलाइन शॉपिंग या किसी दुकान में QR कोड स्कैन करके भुगतान), तो उस पर 0.5% से 1.1% तक का इंटरचेंज शुल्क लगेगा।


यह नियम केवल PPI (प्रीपेड भुगतान उपकरण) वॉलेट जैसे PhonePe वॉलेट, Paytm वॉलेट आदि से किए गए भुगतानों पर लागू होगा।


P2P (व्यक्ति से व्यक्ति) लेनदेन या बैंक से सीधे QR स्कैन के लिए कोई शुल्क नहीं लगेगा।


2. UPI लाइट की सीमा बढ़ाई गई

UPI लाइट सुविधा का उपयोग अब ₹500 तक के भुगतान के लिए किया जा सकता है (पहले यह सीमा ₹200 थी)।


दैनिक सीमा ₹2,000 से बढ़ाकर ₹4,000 कर दी गई है।


3. लेनदेन की संख्या पर बैंक का नियंत्रण

NPCI ने अब बैंकों को प्रतिदिन UPI लेनदेन की संख्या, विशेष रूप से PPI के माध्यम से, सीमित करने की अनुमति दे दी है।


यह नियम स्पैम या धोखाधड़ी वाले लेनदेन को रोकेगा।


4. रात में लेनदेन की निगरानी

रात 11 बजे से सुबह 6 बजे के बीच किए गए लेनदेन में एक अतिरिक्त प्रमाणीकरण परत जोड़ी जा रही है।


इससे उपयोगकर्ता सुरक्षा बढ़ेगी और धोखाधड़ी कम होगी।


🧍 आम उपयोगकर्ताओं पर प्रभाव


✅ क्या नहीं बदला है?


व्यक्ति-से-व्यक्ति लेनदेन (P2P) पर कोई शुल्क नहीं लगेगा।


₹2,000 तक के व्यापारी लेनदेन भी निःशुल्क रहेंगे।


बैंक खाते से सीधा भुगतान (UPI QR) अभी भी निःशुल्क रहेगा।


❗ क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?


व्यापारी को भुगतान करते समय, जांच लें कि भुगतान UPI वॉलेट से किया जा रहा है या सीधे बैंक से।


धोखाधड़ी से बचने के लिए, रात में लेनदेन करते समय OTP या बायोमेट्रिक अलर्ट को गंभीरता से लें।


📲 UPI लाइट क्या है?


UPI लाइट एक विशेष सुविधा है जिसके माध्यम से छोटे भुगतान (अब ₹500 तक) बिना इंटरनेट और बिना पिन के किए जा सकते हैं। यह सुविधा विशेष रूप से कम नेटवर्क क्षेत्र और तेज़ भुगतान के लिए डिज़ाइन की गई है।


🏦 बैंक और वॉलेट कंपनियों का रुख


पेटीएम, फोनपे और गूगल पे जैसी कंपनियों ने इस पर मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है। जहाँ एक ओर कंपनियों ने इसे UPI को लाभदायक बनाने की दिशा में एक कदम बताया, वहीं यह भी कहा कि इससे व्यापारी उपयोगकर्ताओं को झटका लग सकता है।


📈 UPI आँकड़े

वर्ष मासिक लेनदेन कुल मूल्य (₹ लाख करोड़)

2020 ₹1.3 अरब 2.3

2023 ₹7.8 अरब 14.1

2025 (जुलाई) ₹11.2 अरब 21.3

UPI आज ATM और कार्ड लेनदेन, दोनों को पीछे छोड़ चुका है और भारत की सबसे बड़ी डिजिटल भुगतान प्रणाली बन गया है।


🧠 विशेषज्ञ क्या कहते हैं?


डिजिटल भुगतान विशेषज्ञ अजय सरीन के अनुसार:


"PPI शुल्क लगाने का उद्देश्य उपयोगकर्ता से पैसा वसूलना नहीं है, बल्कि व्यापारी भुगतानों को स्थिरता प्रदान करना है।"


NPCI के अध्यक्ष दिलीप अस्बे ने कहा:


"UPI को लंबे समय तक मुफ़्त रखना संभव नहीं है। हमें इसे टिकाऊ बनाना होगा।"


🔐 सुरक्षित लेनदेन के लिए सुझाव:


केवल बैंक द्वारा अधिकृत UPI ऐप्स का ही उपयोग करें।


क्यूआर स्कैन करते समय हमेशा प्राप्तकर्ता का नाम जांचें।


किसी भी लेन-देन के बाद एसएमएस और ओटीपी पर ध्यान दें।


रात में लेन-देन करते समय दोबारा पुष्टि करें।


🔍 निष्कर्ष:


हालाँकि नए यूपीआई नियम डिजिटल भुगतान को अधिक सुरक्षित और स्थिर बनाएंगे, फिर भी कुछ लोग शुरुआत में चौंक सकते हैं। फिर भी, यह स्पष्ट है कि भारत डिजिटल क्रांति में सबसे आगे है और ये बदलाव लंबे समय में फायदेमंद साबित होंगे।

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