पीएम मोदी और अमित शाह की राष्ट्रपति से अचानक मुलाकात, मॉनसून सत्र में बड़ा बिल तय?

पीएम मोदी और अमित शाह की राष्ट्रपति से अचानक मुलाकात, मॉनसून सत्र में बड़ा बिल तय?

📅 2 अगस्त 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से अलग-अलग मुलाकात की। इन बैठकों को मॉनसून सत्र के महत्वपूर्ण संकेत के रूप में देखा जा रहा है।


मुख्य समाचार

नई दिल्ली, 2 अगस्त 2025 — राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज राजनीतिक गलियारों में अचानक हलचल बढ़ गई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कुछ ही घंटों बाद गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की।


दोनों नेताओं की यह मुलाकातें अलग-अलग समय पर राष्ट्रपति भवन में हुईं, और राजनीतिक विश्लेषक इसे संसद के मॉनसून सत्र 2025 से जोड़कर देख रहे हैं। सवाल उठ रहा है — क्या सरकार किसी बड़ी रणनीतिक घोषणा की तैयारी में है?


घटनाक्रम का क्रम

✔️ पहले पहुंचे पीएम मोदी

सुबह 11:15 बजे प्रधानमंत्री राष्ट्रपति भवन पहुंचे। करीब 35 मिनट तक चलने वाली मुलाकात की बैठक का कोई औपचारिक ब्योरा जारी नहीं किया गया।


✔️ दोपहर में पहुंचे अमित शाह

दोपहर 2:45 बजे गृह मंत्री राष्ट्रपति भवन पहुंचे। करीब 40 मिनट चलने वाली बातचीत को "रूटीन" बताया गया, लेकिन समय और संदर्भ ने शक पैदा किया।


विशेषज्ञों की राय

राजनीतिक विश्लेषक प्रो. संजय ठाकुर कहते हैं:


"जब देश के दो सबसे बड़े नेता एक ही दिन राष्ट्रपति से मिलते हैं, और वह भी सत्र से पहले, तो यह सिर्फ शिष्टाचार मुलाकात नहीं हो सकती।"


संभावना है कि सरकार:


कोई बड़ा विधेयक (जैसे यूनिफॉर्म सिविल कोड) लाने वाली है

जम्मू-कश्मीर पर कोई नया प्रस्ताव लाने की योजना बना रही है

मंत्रिमंडल फेरबदल की मंजूरी लेने पहुंची हो

संसद का मॉनसून सत्र 2025

5 अगस्त से शुरू होगा सत्र, चलेगा 29 अगस्त तक। लगभग 25 कार्यदिवस निर्धारित। चर्चा में संभावित विषय:


यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) बिल

महिला आरक्षण बिल

डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल

जम्मू-कश्मीर से जुड़े प्रस्ताव

क्या राष्ट्रपति से अनुमति जरूरी होती है?

संवैधानिक रूप से राष्ट्रपति की पूर्व सूचना/मंजूरी कई मामलों में जरूरी होती है, जैसे:


राज्यसभा में नए बिल प्रस्तुत करने से पहले

विशेष राज्य मुद्दों पर मंत्रिपरिषद फेरबदल या नए राज्यपालों की नियुक्ति

इसलिए इन मुलाकातों को केवल "शिष्टाचार" नहीं माना जा सकता।


मीडिया की कवरेज

NDTV: "दोनों नेताओं ने अचानक राष्ट्रपति से मुलाकात की, सत्र से पहले क्या संकेत?"

ABP News: "मॉनसून सत्र से पहले हलचल तेज"

India Today: "मोदी-शाह की मुलाकातों से राजनीतिक चर्चाएं गरम"

विपक्ष की प्रतिक्रिया

कांग्रेस और AAP नेताओं ने तुरंत सवाल उठाए:


"क्या सरकार फिर से राज्यसभा की ताकत का दुरुपयोग कर किसी जनविरोधी बिल को लाने की कोशिश कर रही है?" — जयराम रमेश (कांग्रेस)


"सरकार ट्रैक बदलने की कोशिश कर रही है ताकि असली मुद्दों से ध्यान हट जाए।" — संजय सिंह (AAP)


आम जनता और सोशल मीडिया की राय

ट्विटर पर #MonsoonSession और #ModiShah ट्रेंड कर रहा है।


कुछ प्रतिक्रियाएं:


"UCC आने वाला है, तैयार रहो!" "फिर कोई बड़ा सरप्राइज मिलेगा 15 अगस्त पर!" "पब्लिक को तो सिर्फ पेट्रोल और महंगाई दिखती है, ये क्या लाएंगे?"


निष्कर्ष

प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का राष्ट्रपति से एक ही दिन में मुलाकात करना कोई सामान्य घटना नहीं है। मॉनसून सत्र 2025 अब पहले से कहीं ज्यादा अहम और रोमांचक होता दिख रहा है।

सरकार क्या लाएगी — UCC, महिला आरक्षण, या कुछ और बड़ा? जवाब अगले कुछ दिनों में सामने होगा।

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