ट्रम्प आज भारत पर और ज्यादा टैरिफ लगा सकते हैं, रूसी तेल खरीदने से दिक्कत, कल कहा था- 24 घंटे में ऐलान करूंगा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। रूसी तेल खरीद के मुद्दे को लेकर अमेरिका और भारत के संबंधों में तनाव दिख रहा है। आज बड़े ऐलान की संभावना है।


नई दिल्ली/वॉशिंगटन | 7 अगस्त 2025

अंतरराष्ट्रीय व्यापार और कूटनीति के मोर्चे पर भारत को आज एक और बड़ा झटका लग सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने संकेत दिए हैं कि वह भारत पर और अधिक टैरिफ लगाने की घोषणा कर सकते हैं। यह फैसला मुख्य रूप से भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल की लगातार खरीद को लेकर लिया जा सकता है। कल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रम्प ने कहा था, "मैं 24 घंटे में भारत को लेकर बड़ा निर्णय लूंगा।"


रूस से तेल खरीद बना कारण

भारत, पिछले दो वर्षों से रूस से रियायती दरों पर कच्चा तेल खरीद रहा है। अमेरिका लंबे समय से चाहता है कि भारत रूस से दूरी बनाए, खासकर यूक्रेन युद्ध के चलते। हालांकि भारत ने बार-बार यह स्पष्ट किया है कि उसकी ऊर्जा नीति केवल अपने राष्ट्रीय हितों पर आधारित है।


ट्रम्प प्रशासन को यह बात रास नहीं आई। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि भारत का रूस से व्यापार वैश्विक प्रतिबंधों की भावना के खिलाफ है। इसी कारण अब अमेरिका भारत से आयात होने वाले स्टील, फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स और टेक उपकरणों पर 15% से 30% तक के नए टैरिफ लगाने पर विचार कर रहा है।


भारत की प्रतिक्रिया

भारत सरकार ने इस पर औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक विदेश मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय इस स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। यदि टैरिफ बढ़े तो भारत WTO में अमेरिकी फैसले को चुनौती दे सकता है।


भारत-अमेरिका व्यापार तनाव पहले भी रहा है

यह पहली बार नहीं है जब ट्रम्प प्रशासन भारत पर टैरिफ बढ़ाने की योजना बना रहा हो। इससे पहले 2020 और 2022 में भी अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाया था, जिसे भारत ने द्विपक्षीय स्तर पर उठाया था।


चिंतित है भारतीय व्यापार वर्ग

भारत के व्यापार मंडलों और निर्यातकों में हलचल है। FIEO (Federation of Indian Export Organisations) ने कहा है कि यदि टैरिफ में इजाफा हुआ तो भारत का निर्यात लगभग ₹40,000 करोड़ तक प्रभावित हो सकता है, विशेष रूप से अमेरिका को होने वाला स्टील और फार्मा निर्यात।


ट्रम्प के बयानों का असर

कल व्हाइट हाउस में प्रेस को संबोधित करते हुए ट्रम्प ने कहा:


 "हम अपने बाजारों को उन देशों के लिए नहीं खोल सकते जो हमारी बात नहीं मानते। भारत को रूस से तेल खरीद बंद करनी होगी, नहीं तो उसे आर्थिक कीमत चुकानी पड़ेगी।"


विशेषज्ञों की राय

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विशेषज्ञ प्रो. विवेक आनंद कहते हैं, "ट्रम्प की यह रणनीति चुनावी वर्ष की पॉलिटिक्स का हिस्सा भी हो सकती है। लेकिन इससे भारत के साथ संबंधों पर असर पड़ना तय है।"


ग्लोबल प्रतिक्रिया

यूरोपीय यूनियन ने अमेरिका के इस रुख को "आर्थिक दबाव की नीति" करार दिया है। वहीं चीन और ब्राजील ने भारत के स्वतंत्र व्यापार अधिकारों का समर्थन किया है।


जनता और सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया

सोशल मीडिया पर #TariffThreat और #IndiaUSRelations ट्रेंड कर रहा है। कई यूजर्स ने इसे भारत की संप्रभुता पर हमला बताया है, तो कुछ ने ट्रम्प की नीति को "अमेरिका फर्स्ट का अतिरेक" करार दिया।


क्या होगा आगे?

यदि आज ट्रम्प नई टैरिफ नीति की घोषणा करते हैं, तो भारत के लिए यह एक बड़ी रणनीतिक चुनौती होगी। भारत को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपना पक्ष मजबूती से रखना होगा और घरेलू उद्योगों को समर्थन देने के उपाय अपनाने होंगे।

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